शनिवार, 21 मई 2011

२२ मई १९८७

विवाह बंधन जैसे सबके जीवन में एक महत्त्वपूर्ण घटना है वैसे हि मेरे लिए भी जीवन की महत्त्वपूर्ण घटना है! यह सही है कि सहिष्णुता, सहनशीलता, पारस्परिक समर्पण और संवेदनशीलता, सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है जो कि आधुनिक समाज में करीब-करीब लुप्त होते जा रहे है! विवाह बंधन किसी के लिए सुखद घटना तो किसी के लिए दुखद घटना साबित होती है! किसी कि झोली में फूल ही फूल, किसी कि झोली में कांटे ही कांटे, किन्तु जीवन को इन बातों से कोई मतलब नहीं वह तो अनवरत चलता ही रहता है! हमारे सुख-दुखों से उसे कोई लेना देना नहीं है! पर हमारा मन बड़ा गणितज्ञ है! जब भी कुछ अवकाश मिला नहीं कि बैठ जाता है सुख-दुखों का हिसाब-किताब  करने! जब पाता है कि सुख कि अपेक्षा दुःख के ही अनगिनत पल थे ज़िन्दगी में, तब मन अवसाद से भर जाता है, उदास हो जाता है! ऐसे में प्यारा बेटा आकर यह कहे कि "Love you Mamma", प्यारी बेटी आकर कहे "Love you Mommy, wish you a Happy Marriage Anniversay", तब सारे दुःख सारी परेशानिया सिकुड़कर बौने से लगने लगते है! लगता है सच में इतने प्यारे-प्यारे बच्चे न होते तो जिंदगी का इतना लम्बा सफ़र काटना कितना मुश्किल हो जाता! ऐसे मासूम बच्चों पर माता पिता सौ जनम भी कुर्बान करे कम है! यह तो प्रकृति का नियम ही है कि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव, विचार भिन्न-भिन्न होते है! दो व्यक्ति कभी एक जैसे नहीं सोच सकते! वैसे भी कौन पति-पत्नी एक दुसरे कि अपेक्षाओं पर खरे उतरते है? एक दुसरे को समझने-समझाने में हि, लड़ने-झगड़ने में हि जिंदगी का लम्बा समय गुजर जाता है!
               मेरे लिए वैवाहिक जीवन अब तक एक बढ़िया प्रयोग और घर-गृहस्ती प्रयोगशाला से कम नहीं रहा है! यह मत पूछिए कि "नतीजे क्या निकले?", यह मैं नहीं बता पाऊँगी, मैं क्या शायद कोई भी शादी-शुदा जोड़ा बता नहीं पायेगा! शायद सफल दाम्पत्य जीवन का यही रहस्य हो! किन्तु एक बात सत्य है इन सब प्रयोगों से गुजर कर हि मनुष्य का मन परिपक्व बनता है, यह भी क्या कम अचीवमेंट है?    

12 टिप्‍पणियां:

  1. suman ji yahi to aapki adbhut lekhan shamta hai jo hame aapse anayas hi jod deti hai.aur dekhiye hamara net jo pichchhle kai din se kam nahi kar raha tha kya tezi se kam kar raha hai shayad aapki aalekhan shamta se prabhavit ho gaya.hame jodne ke liye bahut bahut aabhar.sath hi hamari aur se bhi bahut bahut badhai.

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  2. दाम्पत्य जीवन का अच्छा विश्लेषण , सुमन जी आपकी गहरी सोंच दिखती है इस आलेख में .

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  3. बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने इस मैं कमी निकलना मेरे बस की बात नहीं है क्यों की मैं तो खुद १ नया ब्लोगर हु
    बहुत दिनों से मैं ब्लॉग पे आया हु और फिर इसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ा क्यों की जब मैं खुद किसी के ब्लॉग पे नहीं गया तो दुसरे बंधू क्यों आयें गे इस के लिए मैं आप सब भाइयो और बहनों से माफ़ी मागता हु मेरे नहीं आने की भी १ वजह ये रही थी की ३१ मार्च के कुछ काम में में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाया
    पर मैने अपने ब्लॉग पे बहुत सायरी पोस्ट पे पहले ही कर दी थी लेकिन आप भाइयो का सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से मैं थोरा दुखी जरुर हुआ हु
    धन्यवाद्
    दिनेश पारीक
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
    http://vangaydinesh.blogspot.com/

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  4. Bahut badhiya likha hai aapne Suman ji...aapki lekhni me maturity jhalakti hai jo aapke bheetar ke amrit kalash se chhalakti huyi boondon sa sheetalta pradan karti...mera manna hai ki vivah mein pyar se jyada atoot dosti ka rishta patri patni ke sambandh ko sauhardrapurn banata hai.

    bahut badhiya ...badhayee.

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  5. सदा अधूरा, पति रहता है
    यदि तुम मन से साथ नही हो
    अगर , पूर्ण नारीत्व चाहिए
    पति की अभिलाषा बन जाओ
    बनो अर्ध नारीश्वर जैसी, हर साधना तुम्हारी होगी
    पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी !

    पति-पत्नी हैं एक डाल पर
    लगे फूल दो बगिया के
    जब तक खिले न साथ
    अधूरे लगते हैं सुंदरता में
    दोनों में से एक खिले, तो यह फुलवारी नही सजेगी!
    पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी!


    आपके सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए शुभकामनायें !

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  6. सुंदर विचार साझा किये आपने..... बधाई शुभकामनायें

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  7. गृहस्थी की गाडी यूँ ही चलती रहे , यही सबसे बड़ा achievement है सुमन जी।

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  8. जी बिल्कुल आपकी बातों से सहमत हूं। जी कुछ ना कह कर भी सब कुछ कह दिया आपने।

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  9. "विवाह की वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयाँ ।

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  10. सच कहा ... लंबा विवाहिक जीवन अपने आप में एक उपलब्धि होती है ...
    विवाह की वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं ...

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  11. आप ने सही बात कहा, अल्लाह ने पुरुष और महिला जीवन की गाड़ी के दो पहिये बनाए हैं जिसे साथ साथ चलने के लिए विवाह जैसे पवित्र बंधन से बांध दिया है और एक दुसरे से प्रेम, अनुराग, आदर सम्मान, सत्य पर चलने के लिए एक दुसरे का समर्थन भी अनिवार्य है ताकि जीवन का लम्बा सफर गमों से अधिक खुश्यों के साथ गुज़रे। बधाई स्वीकार करें,

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