रविवार, 22 अगस्त 2010

बहनों ने रक्षा का जिम्मा अब अपने ऊपर लिया है

कल राखी का त्यौहार है, रेडियो पर गीत बज रहा है राखी कहती है तुमसे भैय्या मेरे भैय्या रखना लाज बहन की ! दुनिया पूरी तरह से बदल चुकी है इस तरह के पुराने गीत भी अब विदा होने चाहिए ! बहनों ने अपनी रक्षा का जिम्मा अपने ऊपर लिया है वह अपने भाइयों के मुकाबले किसी भी बात में कम तर नहीं है! पढ़ लिख कर वह काबिल और स्वावलंबी बन कर अपनी ही नहीं अपने माँ बाप का सहारा बन रही है सुबह से श्याम देर रात तक हर क्षेत्र में काम करने की हिम्मत जताने लगी है! वह अपने भाइयों की दया पर जीना उनसे रक्षा की भीख माँगना अपना अपमान समजने लगी है ! सदियों पहले वह बेटी बन कर पिता के आश्रय में जवानी में पति के सरक्षण में बुढ़ापे में बेटों की रहमो करम पर जीती आई है! पर अब वह पढ़ लिख कर आर्थिक सम्पन्नता हासिल कर किसी की दया की पात्र नहीं बल्कि अपने हक के लिए लड़ना चाहती है! इन दिनों बहुत कुछ तेजी से बदल गया है! उसी अनुपात में रिश्तों में दरारे बढ़ गयी है! इसी बदलाहट के चलते बहन भाई के रिश्ते में वह बचपन वाली मिठास और स्नेह नहीं रहा है ! भले ही आज के माता पिताओं ने अपने बेटे और बेटियों ने कोई फरक नहीं समझते फिर भी भाई अपने बहन को हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धक समझता है! पढाई में अगर बहन उससे अव्वल है तोह उसे बहुत बुरा लगता है घर की हर वस्तुओं पर वह अपना एकाधिकार समझता है! अपनी बहन से कोई भी वस्तु अधिकार पूर्वक बल पूर्वक हासिल करना अपना हक समझता है! बेचारी बहन हमेशा अपनी तमाम इच्छाओं को दबाकर हालात से समझोता करना समझदारी समझती है भाई बहन के हर फैसले में अपने टांग लड़ाना ज़रूरी समझता है! बहन को किस कॉलेज में एडमिशन लेना है कोनसा विषय चुनना कोनसे कपडे पहनना सब कुछ वही तय करता है उसके कही आने जाने पर रोक टोक लगाना डरा धमका कर अपनी बात मनवाना जन्म सिद्ध अधिकार समझता है!
सदियों से भाई पैतृक संपत्ति पर अपना एकाधिकार समझता आया है अगर गलती से कोई बहन संपत्ति पर अपना हक जताती है तोह वह बहन से सारे रिश्ते नाते तक तोड्लेता है! कानून ने भले ही पैतृक संपत्ति पर समान अधिकार भले ही दिए हो किन्तु बहन अपना हक मांगे यह भाइयों को बिलकुल बर्दाश नहीं होता! एक दुसरे पर जान निछावर करने वाले भाई बहन पल भर में जान के दुश्मन तक बन जाते है आज ऑनर किल्लिंग के ज्यादा तर मामले हम सब के सामने है इस ऑनर किल्लिंग के जितने भी मामले है उनमे ज़्यादातर लड़कियों के हत्याए उनके भाइयों ने की हुई है! जिन बहनों ने रक्षा हेतु अपने प्यारे भाइयों के हातों पर राखी बाँधी होगी वाही हाथ अपने बहनों को जान से मारने में क्षण भर भी नहीं कामपे होंगे परिवार की इज्जत के नाम पर बहनों की निर्मम हत्याए करना उसको ऑनर किल्लिंग का नाम देना दरिंदगी, वहिशी पन नहीं तो और क्या है?
रक्षा बंधन सिर्फ एक दिन भाई की कलाई पर राखी बांधकर प्रेम जताने का त्यौहार नहीं बल्कि इस एक दिन के जरिये भाई बहन हमेशा एक दुसरे को यह एहसास दिलाते रहे की वे एक दुसरे की लिए कितने महत्त्वपूर्ण है! जिस प्रकार बहन अपने भाई की लम्बी आयु की उसके समृध्ही की भगवान् से प्रार्थना करती है भाई भी यह प्रण करे की अपने बहन को हर तरह से आज़ादी दूंगा! उसके सुख दुःख में सदैव सहयोग करूँगा उन तमाम सारी खुशिया उस पर लुटाऊंगा जिसकी वह हक़दार है तभी रक्षा बंधन का यह त्यौहार सार्थक बन सकता है!

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